“अमरीकन सीक्रेट ऑपरेशन” जिसमें रूस के साथ क़ैदियों की अदला बदली पर आते रहे उतार-चढ़ाव

American secret operation with russia
Prime Hunt News / Reporter
इस समझौते में दो दर्जन क़ैदियों की अदला बदली हुई और इस गोपनीय अभियान की शुरुआत 2022 में हुई थी.
एक कुख्यात रूसी क़ातिल और एक अमेरिकी अख़बार के संवाददाता गुरुवार को तुर्की से अलग अलग विमान में बैठे.
और इसके साथ ही रूस और पश्चिमी देशों के बीच क़ैदियों की नाटकीय अदला-बदली के दो साल तक चले एक गोपनीय अभियान का समापन हो गया.
इस समझौते में दो दर्जन क़ैदियों की अदला बदली हुई और इस गोपनीय अभियान की शुरुआत 2022 में हुई थी.
लेकिन पर्दे के पीछे रूस, अमेरिका और चार अन्य यूरोपीय देशों के बीच इसी साल इस अभियान में तेज़ी आई.
लेकिन समझौता वार्ताएं बहुत चुनौतीपूर्ण थीं. इसलिए भी कि यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका और रूस में तनाव चरम पर पहुंच गया था. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने इसमें बहुत अहम भूमिका निभाई.
क़ैदियों की अदला बदली के बाद उन्होंने कहा, “यह कई दौर की जटिल वार्ताओं, कई मुद्दों पर तकलीफ़देह समझौते और कई महीनों की मेहनत का नतीजा है.”
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीबीसी के अमेरिकी साझीदार सीबीएस न्यूज़ समेत कई मीडिया संस्थानों के पत्रकारों के साथ गुरुवार को इस समझौते की विस्तृत टाइमलाइन साझा की.
उन्होंने बताया कि इस समझौते को लेकर पहला संकेत 2022 में पतझड़ के दिनों में तब मिला जब लगा कि मॉस्को तैयार है.
अमेरिका और रूस अमेरिकी बास्केटबॉल स्टार ब्रिटनी ग्रिनर की रिहाई के लिए बात कर रहे थे. उन्हें कैनेबिस ऑयल रखने के लिए गिरफ़्तार किया गया और रूसी जेल में डाल दिया गया था.
उसी साल कुख्यात रूसी हथियार डीलर विक्टर बाउट के बदले एक हाई प्रोफ़ाइल क़ैदी अदला बदली समझौते में ग्रिनर को रिहा कर दिया गया था.
व्हाइट हाउस अधिकारियों का कहना है कि, इसी समझौते के दौरान रूसियों ने स्पष्ट कर दिया था कि वे एक शूटर वादिम क्रासिकोव की रिहाई चाहते हैं, जो जर्मनी के बर्लिन पार्क में दिनदहाड़े एक व्यक्ति को गोली मारने के दोषी थे और आजीवन कारावास भुगत रहे थे.
दावा है कि उन्हें क्रेमलिन से सीधा आदेश मिला था.
जर्मनी नहीं चाहता था छोड़ना
सुलिवन ने जर्मनी के अपने समकक्ष से कहा था कि रूस क्रासिकोव की रिहाई चाहता है और पूछा था रूस के विपक्षी नेता और पुतिन के कट्टर विरोधी एलेक्सी नवेलनी के बदले क्या बर्लिन उन्हें रिहा कर सकता है. नवेलनी रूस की जेल में बंद थे.
हालांकि बर्लिन अपनी ज़मीन पर की गई इस भयानक हत्या के अपराधी को छोड़ने को लेकर उदासीन था.
सुलिवन को बर्लिन से कोई साफ़ जवाब नहीं मिला, लेकिन 2022 में अमेरिका और रूस.. और अमेरिका और जर्मनी के बीच हुई शुरुआती वार्ताओं में ही इस व्यापक और जटिल समझौते का रास्ता साफ़ किया.
ये तभी संभव हुआ जब दोनों पक्षों ने एक हद तक अपनी इच्छा ज़ाहिर की.
रूस ने स्पष्ट किया कि उसे क्रासिकोव चाहिए. और वॉशिंगटन सिर्फ नवेलनी ही नहीं बल्कि 2018 में जासूसी के आरोपों में रूस में बंद पूर्व मरीन पॉल व्हेलान की रिहाई चाहता था.
मार्च 2023 में न्यू जर्सी के 31 साल के वॉल स्ट्रीट जर्नल रिपोर्टर को रूसी इंटेलिजेंस एजेंट्स ने गिरफ़्तार कर लिया था, जब वो एक रिपोर्टिंग दौरे पर थे.
उनकी गिरफ़्तारी का अमेरिका और इसके सहयोगी देशों ने कड़ा विरोध किया.
इसके एक दिन बाद ही राष्ट्रपति बाइडन ने सुलिवन को उन्हें और व्हेलान को वापस लाने का निर्देश दिया.
व्हाइट हाउस अधिकारियों के अनुसार, अमेरिका ने रूस से सीधा संपर्क किया. बातचीत शुरू हो गई और दोनों के विदेश मंत्रियों ने फ़ोन पर बात की.
लेकिन जल्द ही इन वार्ताओं को गोपनीय इंटेलिजेंस सर्विसेज़ ने अपने हाथ में ले लिया.
हालांकि इसके लिए अमेरिका थोड़ा हिचक रहा था क्योंकि गर्शकोविच जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार थे और वॉशिंगटन को डर लग रहा था कि सीआईए के शामिल होने से उनका दावा और मज़बूत होगा.
रूसी जासूसों की खोज
व्हाइट हाउस के वरिष्ट अधिकारियों के अनुसार, लेकिन 2023 के अंत तक अमेरिका को समझ आ गया था कि किसी भी सफल समझौते में शूटर क्रासिकोव की रिहाई ही मुख्य मुद्दा है.
जब भी रूस को प्रस्ताव दिया जाता जिसमें 58 साल के उस क़ातिल का नाम शामिल नहीं होता, इनकार कर दिया जाता था.
चूंकि क्रासिकोव जर्मनी में बंद थे, अमेरिका में नहीं, इसलिए वॉशिंगटन का इस मामले में कोई बस नहीं था.
2023 के आख़िरी के महीनों में सुलिवन जर्मनी के अपने समकक्ष से अक्सर ही हर सप्ताह बात करते आखिर जनवरी 2024 में उनकी मेहनत रंग लाई और क्रासिकोव की रिहाई करने के लिए जर्मनी को सहमत करा लिया.
अधिकारियों के अनुसार, मॉस्को का कहना था कि वो जासूस के बदले ही जासूस रिहा करेगा.
इसलिए अमेरिका ने एक बड़े समझौते के लिए उन रूसी जासूसों की खोज शुरू की जो सहयोगी देशों में बंद हो सकते थे.
वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों, राजनयिकों और सीआईए अधिकारियों ने इसके लिए पूरी दुनिया में उन दोस्ताना देशों की यात्राएं कीं जो रूसी जासूसों की रिहाई के इच्छुक हो सकते थे.
गुरुवार को यह सफलता मिली जब पोलैंड, स्लोवेनिया और नॉर्वे से रूसियों को रिहा किया गया.
इसी साल फ़रवरी में जर्मन चांसलर ओलाफ़ शोल्ज़ व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन से मिले थे.
व्हाइट हाउस अधिकारियों के मुताबिक़, उनके बीच क्रासिकोव, नवेलनी, व्हेलान, गर्शकोविच के बीच क़ैदी अदला बदली को लेकर बात हुई थी.
रूस की तरफ़ से भी सकारात्मक संकेत था. फ़रवरी की शुरुआत में पूर्व फॉक्स न्यूज़ होस्ट टकर कार्ल्सन से एक साक्षात्कार में व्लादिमीर पुतिन ने कहा था, “मैं इस संभावना से इनकार नहीं कर सकता कि गर्शकोविच स्वदेश लौट सकते हैं.”
बीबीसी के रशियन एडिटर स्टीव रोज़ेनबर्ग लिखते हैं, यह सार्वजनिक रूप से बहुत स्पष्ट हिंट था कि मॉस्को समझौते के लिए तैयार है.
लेकिन इस इंटरव्यू के कुछ दिनों बाद ही 16 फ़रवरी 2024 को व्हाइट हाउस में चांसलर शोल्ज़ और राष्ट्रपति बाइडन के बीच मुलाक़ात हुई और रूस के सामने कोई प्रस्ताव रखा जाए उससे पहले ही दुखद हालात में संभावित समझौता टिक नहीं पाया.
संभवतः जिस सबसे हाई प्रोफ़ाइल 47 साल के क़ैदी एलेक्सी नवेलनी का नाम अदला बदली में शामिल हो सकता था, उनकी साइबेरिया की जेल में मौत हो गई.
समर्थकों और रिश्तेदारों और कई विदेशी नेताओं ने उनकी मौत के लिए पुतिन को ज़िम्मेदार ठहराया. रूसी अधिकारियों ने कहा कि उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी.
उनकी मौत के समय समझौता वार्ताओं के बारे में जब किसी को कुछ पता नहीं था, उनकी साथी मारिया पेवचिख ने सार्वजनिक रूप से कहा कि क्रासिकोव के बदले उनकी रिहाई की बात अंतिम दौर में थी.
बीबीसी न्यूज़ उस समय उनके दावों की स्वतंत्र पुष्टि नहीं कर सकता था. इस बीच क्रेमलिन ने सार्वजनिक रूप से इस दावे का खंडन किया.
लेकिन गुरुवार को व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की कि वो समझौते में नवेलनी को शामिल करने की कोशिश कर रहा था और यही कारण रहा कि उन तीन लोगों की रिहाई हुई जो विपक्षी नेताओं के साथ कम कर रहे थे और रूसी क़ैद में थे.
एक नाटकीय घटनाक्रम में जिस दिन नवेलनी की मौत घोषित की गई, गर्शकोविच की मां और पिता व्हाइट हाउस में सुलिवन से मिल रहे थे.
इस ख़बर की अहमियत और इससे समझौते पर पड़ने वाले असर को भांपते हुए उन्होंने उन दोनों से कहा कि ‘आगे बढ़ने के लिए हालात थोड़े मुश्किल हो गए हैं.’
नए सिरे से समझौता वार्ता और अमेरिका-जर्मनी के बीच सहमति
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि तब उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने संभावित अदला बदली को पटरी पर लाने के लिए दो अहम बैठकें कीं.
फ़रवरी के मध्य में म्युनिख सिक्युरिटी कांफ़्रेंस में वो शामिल हुईं और चांसलर शोल्ज़ को क्रासिकोव की रिहाई की अहमियत समझाई.
उन्होंने स्लोवेनिया के प्रधानमंत्री से भी मुलाक़ात की, जहां अमेरिका ने दो रूसी क़ैदियों की पहचान की थी, जो कि रूस की शीर्ष प्राथमिकता में थे. इन दोनों की भी गुरुवार को रिहाई हो गई.
इसके बाद बसंत में, अब बिना नवेलनी के एक समझौते पर व्हाइट हाउस में सहमति बनी. और जून में बर्लिन ने क्रासिकोव की रिहाई के लिए रज़ामंदी दे दी.
सुलिवन के अनुसार, शोल्ज़ ने राष्ट्रपति बाइडन से कहा, “आपके लिए, मैं ये करूंगा.”
और फिर, यह समझौता प्रस्ताव रूस के सामने रखा गया.
मॉस्को ने कई सप्ताह पहले ही, मध्य जुलाई में शर्तों को स्वीकार करते हुए रूसी जेल में बंद क़ैदियों की रिहाई के लिए अपनी सहमति दी.
लेकिन जब यह समझौता वार्ता अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा था, घरेलू राजनीति में भी उथल पुथल चल रहा था, एक डिबेट में बुरे प्रदर्शन के कारण नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से बाहर होने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर से ही बाइडन पर दबाव बढ़ने लगा था.
सुलिवन के अनुसार, जब 21 जुलाई को बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अलग हटने की घोषणा की उससे एक घंटे पहले ही क़ैदियों की अदला बदली को अंतिम रूप देने के बारे में बात करने के लिए वो स्लोवेनिया के अपने समकक्ष से फ़ोन पर थे.
इस हाई प्रोफ़ाइल क़ैदी अदला बदली समझौते में अंतिम पलों में भी इसके सफल होने को लेकर आशंकाएं बनी हुई थीं, हालांकि एयरपोर्ट पर विमान तैयार थे और क़ैदियों के रूट को अंतिम रूप दिया जा चुका था.
गुरुवार को सुलिवन ने कहा, “कुछ घंटे पहले तक हम सांस रोक कर इसे होते हुए देख रहे थे.”
बाद में राष्ट्रपति बाइडन ने रिहा हुए अमेरिकी नागरिकों की एक साथ फ़ोटो पोस्ट की, जो अमेरिका को रवाना हो चुके विमान में सवार थे. अपनी पोस्ट में राष्ट्रपति बाइडन ने लिखा, “वे सुरक्षित हैं, आज़ाद हैं और अपने परिवार से मिलने के लिए वापसी की यात्रा शुरू कर चुके हैं.”
Prime Hunt News / Reporter
It’s fascinating to see how secret operations between nations can influence global politics. The cooperation between American and Russian intelligence agencies is particularly intriguing. Such collaborations often reveal the complexities of international relations. How do these covert actions shape public perception and trust?
This is an intriguing topic about a secret operation between America and Russia. It highlights the complex dynamics and covert actions between these two nations. The details of such operations often remain classified for years. It raises questions about the long-term implications of these covert activities. What exactly were the objectives of this operation?